सजाव_दही

बिहार के लोगों को दही बेहद पसंद है खाने की वैरायटी कोई भी हो पर उसमें एक आइटम दही जरूर होगा
मिथिलांचल से लेकर भोजपुरी इलाके तक मध्य बिहार से लेकर अंग प्रदेश तक दही सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले खाद्य पदार्थ में शामिल हालांकि मिथिला और अंग प्रदेश में जो दही तैयार होता है

वह बेहद खास है इन इलाकों में घास के मैदान के कारण दुधारू पशुओं के दूध में क्रीम की मात्रा सबसे ज्यादा होती है
इस कारण से दही ज्यादा स्वादिष्ट होता है। खगड़िया मधेपुरा बेगूसराय पूर्णिया सहरसा में जो दही मिलता है वह बेहद खास होता है इसके बारे में कहा जाता है इसे आप किसी कपड़े में बांधकर कहीं भी लेकर जा सकते हैं।
यहां की सूखी दही बेहद प्रसिद्ध है दही से पानी को निकाल कर कपड़े में बांधकर दूर-दूर भेजा जाता है दूसरी तरफ मिथिलांचल में जो दही मिलत है उसमें भी क्रीम की मात्रा बेहद ज्यादा होती उसके बारे में कहा जाता है कि आप उसे दीवाल पर फेंक दें तो वहां चिपक जाएगा।

उत्तर बिहार में जो दही जमाया जाता है उसमें दूध को खास तापमान तक गर्म किया जाता है जिसमें उसका कलर लाल हो जाता है और दही भी लाल रंग की ही होता है और उसमें मोटी परत की छाली तैयार हो जाती है।
इस तरह की दही को सजाव दही कहा जाता है जैसे ही घी तैयार करने के लिए दही के ऊपर के छाली को अलग कर लिया जाता है या दही को मथनी से मथ दिया जाता है उसे कटी दही कहते हैं।
इसी से छाछ तैयार किया जाता है इस दही से क्रीम की मात्रा गायब रहती है। गाय की दही की अपेक्षा बिहार में भैंस के दूध की दही ज्यादा फेमस है पूजा पाठ या विशेष आयोजनों के समय ही ज्यादा पसंद किए जाते हैं

जबकि भैंस के दूध की दही में #क्रीम की मात्रा ज्यादा होता है इस कारण से ज्यादा #दही बनाने में #भैंस के दूध का ही प्रयोग होता है।