महिलाएं,कभी बाल खुले रखती हैं,कभी चोटी,कभी जूड़ा यह फैशन या कोई गूढ़ रहस्य?

महिलाएं,कभी बाल खुले रखती हैं,कभी चोटी,कभी जूड़ा यह फैशन या कोई गूढ़ रहस्य?

महिलाएं,कभी बाल खुले रखती हैं,कभी चोटी,कभी जूड़ा यह फैशन या कोई गूढ़ रहस्य?

महिलाएं,
कभी बाल खुले रखती हैं,
कभी एक चोटी,
कभी दो, तो कभी जूड़ा।
इसका कोई गूढ़ रहस्य है,
या यह फैशन से है जुड़ा?

एक दिन एक पति ने पत्नी से कारण,
पूछ ही लिया।
कहने लगी,
जब हमारी शादी नही हुई थी,
हम अकेले थे,
जैसे दो अलग चोटी,

फिर शादी हुई एक हुए,
तो एक चोटी।

फिर हम दोनो जूडे के जैसे,
ऐसे मिल गए कि,
अपना सब कुछ ,
एक, दूसरे को दे दिया।

मैने पूछा फिर ये खुले बाल,,,?
जवाब मिला, एक हो कर भी,
हमारा अपना अलग अस्तित्व है,
ये खुले बाल, हमारे अलग विचार,
अधिकार, वजूद और
शख्सियत का प्रतीक हैं !
जो एक दूसरे के सम्मान से
उपजता है!

मैने प्रभावित होकर, माहौल को
हल्का करने के लिए पूछा,
और ये जो तुम
बालों में ऊपर रबर बैंड लगा कर
खुला छोड़ देती हो,
यह तो भ्रमित करता है,
कि बंधन या आजादी ?

जवाब मिला, एक दूसरे को
स्वतंत्रता तो देनी है,
पर पतंग और डोर जैसे,
स्वतंत्रता में भी मर्यादा का अंकुश।
बालों को पहले मर्यादा के
रबर बैंड से बांधा, फिर,
स्वछंद छोड़ दिया।!
केस विन्यास के गूढ़ रहस्य को
जान पति हतप्रभ है।

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