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मदद - Sanatan-Forever

मदद

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मैं खाना खा कर रैसटोरेंट से बाहर निकली ही थी कि एक छ: सात साल का बच्चा मेरे सामने आकर कुछ पैसे मांगने लगा ।

मैने पूछा क्या करोगे पैसे का, तो कहने लगा कुछ खाने को खरीदूंगा । मैने उसे चार पूडी़ सब्जी खरीद कर दे दी और कहा लो बैठ कर खा लो तो वो मेरी तरफ देखने लगा ।

मेरे मन में शक हुआ कि ये खा क्यों नही रहा है। मैनें बहुत कहा पर उसने नही खाया तब मैंने उससे वो खाना छीन लिया और फेंक कर जोर से चिल्ला कर बोली तुम सब लोग ऐसे ही होते हो ।

उसने मेरी तरफ घृणा से देखा और भाग गया । मैं बाजार में खरीददारी करती रही, दो घंटे बाद जब मैं एक साड़ी की दुकान पर पहुंची तो देखा वही बच्चा किसी और महिला से कुछ मांग रहा था ।

उस महिला ने उसे दूध का एक पैकिट, एक बिस्किट का पैकिट, एक ब्रेड खरीद कर दी और बिना किसी शंका के वो अपनी खरीददारी करती रही । वो बच्चा वो सब सामान लेकर बडी़ तेजी से दौड़ पडा़ ।

मेरे मन में चोर था मैं चुपचाप उसके पीछे पीछे हो ली । कई गलियां मुड़ने के बाद वो तेजी से एक झोपड़ी में घुसा दो छोटे छोटे बच्चे लगभग दो, तीन साल के होगें झोपड़ी में बैठे थे ।

उसने बिस्किट का पैकिट खोलकर उन्हें बिस्किट दिये, चारपाई पर एक बूढ़ी अम्मा जो शायद उसकी दादी या नानी रही होंगी उन्हे भी बिस्किट दिये और दूध का पैकिट खोलकर चाय बनाने के लिये चूल्हा जलाने की तैयारी करने लगा, फिर ब्रेड खोलकर प्लेट में रखने लगा ।

तीनों ही ऐसे खा रहे थे जैसे कई दिनों से भूखे हो, वो छोटा सा बच्चा सबको खिला कर शायद कुछ खाना चाहता था, तभी मेरे पूड़ी सब्जी देने पर वो उन्हें नही खा रहा था। मैं चुपचाप ये सब देख रही थी, मुझे बहुत आत्मग्लानि महसूस हुयी ।

माना कि कुछ लोग हमारी सहानुभूति का गलत फायदा उठाते है पर कुछ वाकई जरूरतमंद भी होते है । मदद करते समय बस सच्चे मन से मदद कर देनी चाहिए । अब मेरी आंखो में पश्चाताप के आंसू थे ।

मैनें उस बच्चे को सामने आकर बुलाया पहले तो वो थोड़ा सा डरा फिर मेरे पास आ गया ।

मैं उसे पास की दुकान पर ले गयी दुकान से उसे आटा, चावल व दाल दिला कर उसके घर पर रखवा कर मैनें उसके सर पर हाथ फेरा और अपने घर की तरफ चल दी । मैं अब खुद को बहुत हल्का महसूस कर रही थी।

कुछ मदद करते समय कोई शंका या उसका उपयोग दुरुपयोग न सोच कर शांत मन से मदद कर देनी चाहिए बाकी सब ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए । हमें ईश्वर ने किसी की मदद के लिये चुना है हमारे लिये ये ही बहुत बड़ी बात है।

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