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((((( बुद्धिमान कौन )))) - Sanatan-Forever

((((( बुद्धिमान कौन  ))))

((((( बुद्धिमान कौन  ))))

((((( बुद्धिमान कौन  ))))

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एक गाँव में एक व्यापारी रहता था, उसकी ख्याति दूर दूर तक फैली थी।

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एक बार वहाँ के राजा ने उसे चर्चा पर बुलाया। काफी देर चर्चा के बाद राजा ने कहा –

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“महाशय, आप बहुत बड़े सेठ है, इतना बड़ा कारोबार है पर आपका लड़का इतना मूर्ख क्यों है ? उसे भी कुछ सिखायें।

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उसे तो सोने चांदी में मूल्यवान क्या है यह भी नहीं पता॥” यह कहकर राजा जोर से हंस पड़ा..

व्यापारी को बुरा लगा, वह घर गया व लड़के से पूछा “सोना व चांदी में अधिक मूल्यवान क्या है ?”

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“सोना”, बिना एक पल भी गंवाए उसके लड़के ने कहा।

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“तुम्हारा उत्तर तो ठीक है, फिर राजा ने ऐसा क्यूं कहा-? सभी के बीच मेरी खिल्ली भी उड़ाई।”

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लड़के के समझ मे आ गया, वह बोला “राजा गाँव के पास एक खुला दरबार लगाते हैं,

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जिसमें सभी प्रतिष्ठित व्यक्ति  शामिल होते हैं। यह दरबार मेरे स्कूल जाने के मार्ग मे ही पड़ता है।

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मुझे देखते ही बुलवा लेते हैं, अपने एक हाथ में सोने का व दूसरे में चांदी का सिक्का रखकर, जो अधिक मूल्यवान है वह ले लेने को कहते हैं…

और मैं चांदी का सिक्का ले लेता हूं। सभी ठहाका लगाकर हंसते हैं व मज़ा लेते हैं। ऐसा तक़रीबन हर दूसरे दिन होता है।”

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“फिर तुम सोने का सिक्का क्यों नहीं उठाते, चार लोगों के बीच अपनी फजिहत कराते हो व साथ मे मेरी भी❓”

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लड़का हंसा व हाथ पकड़कर पिता को अंदर ले गया और कपाट से एक पेटी निकालकर दिखाई जो चांदी के सिक्कों से भरी हुई थी।

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यह देख व्यापारी हतप्रभ रह गया।

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लड़का बोला “जिस दिन मैंने सोने का सिक्का उठा लिया उस दिन से यह खेल बंद हो जाएगा।

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वो मुझे मूर्ख समझकर मज़ा लेते हैं तो लेने दें, यदि मैं बुद्धिमानी दिखाउंगा तो कुछ नहीं मिलेगा।”

बनिये का बेटा हुं अक़्ल से काम लेता हूँ

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मूर्ख होना अलग बात है व समझा जाना अलग.. स्वर्णिम मॊके का फायदा उठाने से बेहतर है, हर मॊके को स्वर्ण में तब्दील करना।

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जैसे समुद्र सबके लिए समान होता है, कुछ लोग पानी के अंदर टहलकर आ जाते हैं, कुछ मछलियाँ ढूंढ पकड़ लाते हैं .. व कुछ मोती चुन कर आते हैं।

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