
गुरु का वृषभ राशि में गोचर
गुरु का वृषभ राशि में गोचर
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मकर राशि पर प्रभाव
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01 मई 2024 बुधवार के दिन देव गुरु बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर इस वर्ष होने वाली महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटनाओं में से एक है। देव गुरु बृहस्पति को शुभ ग्रह के रूप में देखा जाता है और वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु का गोचर बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बृहस्पति जब गोचर करते हैं तो जिन भावों पर भी बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है, वहां अमृत के समान शुभ दृष्टि डालते हैं जिससे व्यक्ति को शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। बृहस्पति को ज्योतिष में जीव भी कहा गया है। बृहस्पति शनि के बाद दूसरे मंद गति से चलने वाले ग्रह माने गए हैं और यह लगभग 13 महीने में एक राशि का भ्रमण कर दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। पिछले वर्ष 22 अप्रैल 2023 को बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन से निकलकर अपने मित्र मंगल की राशि मेष में प्रवेश कर चुके थे। अब यही देव गुरु बृहस्पति वर्ष 2024 में दैत्य गुरु शुक्र की राशि वृषभ में गोचर करने जा रहे हैं।
बृहस्पति 1 मई, 2024 को दोपहर 14:29 पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। अपने गोचर के दो दिन बाद ही यानी कि 3 मई 2024 को रात्रि 22:08 बजे देव गुरु बृहस्पति अस्त अवस्था में आ जाएंगे और इसे बृहस्पति तारा डूबना या गुरु तारा डूबना कहा जाएगा, जहां पर लगभग एक महीने बाद 3 जून 2024 की प्रातः 3:21 बजे यह अस्त अवस्था से उदित अवस्था में आ जाएंगे। जिस दौरान बृहस्पति ग्रह अस्त होते हैं, उस दौरान शुभ मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, आदि नहीं किए जाते और बृहस्पति के पुनः उदय होने पर ये कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। इसी वृषभ राशि में विराजमान रह कर बृहस्पति 9 अक्टूबर 2024 को प्रातः 10:01 पर वक्री अवस्था में अपनी वक्री चाल शुरू कर देंगे और उनकी यह चाल अगले वर्ष 4 फरवरी 2025 की दोपहर 13:46 बजे तक रहेगी। बृहस्पति को शुभ और वृद्धि कारक ग्रह कहा जाता है और जिन-जिन भावों पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है, अपनी शुभ दृष्टि से उन भावों की और उनसे संबंधित फलों की वृद्धि करते हैं। आइए जानते हैं कि देव गुरु बृहस्पति का वृषभ राशि में होने वाला गोचर वर्ष 2024 में आप पर क्या प्रभाव डालेगा और गुरु गोचर 2024 आपके लिए किस प्रकार के परिणाम लेकर आ रहा है।
मकर राशि का फलादेश
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मकर राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति तृतीय और द्वादश भाव के स्वामी होकर कारक ग्रह बन जाते हैं। वर्तमान गोचर में वह आपके पंचम भाव में प्रवेश करेंगे। देव गुरु बृहस्पति के इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपको शिक्षा में उत्तम परिणामों की प्राप्ति होगी। आपके अंदर सही विचारों का जन्म होगा। धर्म-कर्म, अध्यात्म और चिंतन तथा सामाजिक रूप से उत्तम विचारों का जन्म आपके अंदर होगा जिससे आपको अपने किए हुए गलत कार्यों से ग्लानि भी होगी और आप उसका पश्चाताप करना पसंद करेंगे। आपके मन मस्तिष्क और ज्ञान का विस्तार होगा। अच्छे लोगों से आपकी बातचीत होगी और उनसे आपको लाभ होगा। आपको अपनी संतान से सुख मिलेगा। आपकी संतान आज्ञाकारी बनेगी और उनसे आपको सुख की प्राप्ति होगी। देव गुरु बृहस्पति के इस गोचर से यदि आप विवाहित जातक हैं तो आपको संतान प्राप्ति का सुखद समाचार प्राप्त हो सकता है। संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है। प्रेम संबंधों में यह गोचर अनुकूल परिणाम देगा और आपके रिश्ते को परिपक्व बनाएगा।
गुरु गोचर के अनुसार यहां स्थित देव गुरु बृहस्पति आपके नवम भाव, आपके एकादश भाव और आपके प्रथम भाव यानी कि आपकी राशि पर दृष्टिपात करेंगे। बृहस्पति के इस गोचर के परिणाम स्वरूप लंबी यात्राओं के योग भी बनेंगे। शिक्षा के लिए आप लंबी-लंबी यात्राएं करेंगे। कुछ नया पाठ्यक्रम पढ़ना आपको पसंद आएगा। उच्च शिक्षा के लिए प्रयास करने पर आपको सफलता मिल सकती है। आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। हो सकता है कि आपकी नौकरी में बदलाव आए और दूसरी नौकरी आपको पहले से अधिक तनख्वाह पर मिले जिससे आपको आर्थिक उन्नति देखने का मौका मिलेगा। आपके मन में सही विचार आएँगे, निर्णय क्षमता बेहतर होगी और उससे आपके सभी काम बनेंगे। आपको अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
उपायः👉 प्रतिदिन स्नान के पश्चात् अपने मस्तक पर केसर का तिलक अवश्य लगाएं।
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